रायगढ़ के इस वार्ड से दावेदारों की होड़ क्यों....?

Dec 28, 2024 - 17:37
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रायगढ़ के इस वार्ड से दावेदारों की होड़ क्यों....?

साहनी राम निषाद, मधुबन पारा से 2008 में जमानत जप्त होने के बाद भी हुए थे विजयी...!

रायगढ़ - नगर निगम के वार्डो का आरक्षण जिस दिन से हुआ है उस दिन से हर व्यक्ति अपनी आरक्षित वर्ग की सीटों के अनुसार चुनाव लड़ने के लिए मैदान में दिखाई दे रहे है।

लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की संख्या हजारों में है हर वार्ड में लगभग एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार है जो भाजपा की टिकट से उस वार्ड से चुनाव लड़ना चाहते है आश्चर्य की बात तो यह है कि कल तक जो कांग्रेस सरकार में भाजपा के नेताओं को पानी पी पी कर कोसते दिखाई देते थे वही आज भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ने की इच्छा लिए घूमते दिखाई दे रहें है।

इस बार नगर निगम चुनाव में सबसे ज्यादा वार्ड क्रमांक 19 में पार्षद के लिए उम्मीदवार दिखाई दे रहे है जो अब तक घूम घूम कर प्रचार करना भी शुरू कर दिए है कि मैं इस वार्ड से पार्षद पद के लिए चुनावी मैदान में हुए और वोट मुझे ही दें। अब तक इस वार्ड से लगभग 15 लोग ऐसे है जो इस वार्ड से पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक है लेकिन सबके सब भाजपा की टिकट वितरण का इंतजार कर रहे है क्योंकि हर उम्मीदवार को ऐसा लगता है कि इस वार्ड से इस बार भाजपा की टिकट उन्हें ही मिलेगी। 

लेकिन हकीकत यह है कि जब बात ऐसी आएगी की किसी वार्ड में पार्षद पद के लिए एक से अधिक सशक्त उम्मीदवार दावा करेंगें तो इस मामले में कही न कही रायगढ़ के विधायक और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री OP choudhary की रायसुमारी जरूरी अनिवार्य होगी। और जो OP की गुड़ लिस्ट में जो होगा उसको ही वार्ड पार्षद की टिकट मिलेगी।

वार्ड क्रमांक 19 में अगर वोटर की संख्या पर एक नजर डालें तो इस वार्ड में वोटर की संख्या 3021 है। और अगर इस वार्ड में उम्मीवारों की संख्या लगभग 20 तो इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस उम्मीदवार को 152 वोट प्राप्त होंगें वही विजयी घोषित होगा। लेकिन अगर जमानत जप्त की क्राइटेरिया को ध्यान दें तो कुल वोट का लगभग 15% वोट मिलने वाले कि ही जमानत बच सकती है लेकिन इस वार्ड में तो ऐसा लग रहा है कि जमानत बचाने के लिए जितने वोटों की आवश्यकता होती है उससे भी कम वोट में विजयी घोषित हो जाएंगे प्रत्याशी।

ऐसा पहली बार नही जब जमानत जप्त होने के बाद विजयी होंगें इससे पूर्व भी 2008 के पार्षद चुनाव में मधुवन पारा से साहनी राम निषाद की जमानत जप्त होने के बाद भी विजयी घोषित किया गया था क्योंकि उस समय मधुवन पारा वार्ड से उम्मीदवारों की संख्या इतनी थी कि जमानत जप्ती के बाद भी विजयी घोषित किया जाना न्याय संगत हुआ था।

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