अमलिभौना जमीन फर्जीवाड़े का मुखिया कौन...?

रायगढ़ - रायगढ़ नगर निगम का एक ऐसा वार्ड जिसका आधा हिस्सा अमलिभौना में आता है लेकिन कुछ वर्ष पूर्व तक यह ग्रामीण क्षेत्र में आता था जिससे भूमाफियाओं की सक्रियता इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। और वर्तमान में देखे तो यहाँ की जमीन हाइवे से लगी है इसलिए यहाँ के जमीन की कीमत आसमान छू रही है जिससे भूमाफिया पहले जमीन की हेराफेरी कर अपने किसी जान पहचान वाले के नाम दर्ज करवाते है और बाद में एक मोटी रकम की लालच में उसे बेच देते है। और यह सब पटवारी की मिलीभगत से ही संभव होता है।
कोटवारी जमीन की हेराफेरी....?
शासन के द्वारा कोटवारों को जीवन यापन करने के उद्देश्य से कोटवारी जमीन दी जाती थी यह जमीन बिक्री योग्य नही होती है। और यह जमीन इतनी पर्याप्त होती थी कि कोटवार के परिवार का जीवन यापन हो जाता था। लेकिन जब से अमलिभौना में भूमाफिया सक्रिय हुए है तब से इस क्षेत्र के पटवारी के साथ मिलकर जमीन का भरपूर बंदर बाँट हो रहा है। और अब तक करोड़ो की कमाई भी कर चुके है अगर पटवारी के संपत्ति की जांच की जाए तो 10 करोड़ से भी ज्यादा की बेनामी संपत्ति का खुलासा हो सकता है।
पैसे वालों का काम आधी रात को....?
अमलिभौना में वर्तमान में भूमाफियाओं को पटवारी के द्वारा इतना सहयोग किया जा रहा है कि आधी रात को इस क्षेत्र में हुई खरीदी बिक्री के बाद नामों को ऑनलाइन किया गया है और ऐसा करते देखा जा रहा है तब एक सवाल यह खड़ा होता है कि जब कोई गरीब व्यक्ति अपने कामों को लेकर पटवारी से मिलते है तब एक ही जवाब रहता है कि हम बहुत व्यस्त है ऑफिस टाइम खत्म होग रात को काम नही कर सकते। लेकिन जब बात पैसे वालों की आती है तो आधी रात को भी पूरी सहायता की जाती है अब ऐसे में यह उम्मीद लगाना की प्रशासन सब के साथ एक जैसा व्यवहार करती है तो शायद वहाँ पर पटवारी का यह कृत्य घोर निंदनीय हो जाता है।
What's Your Reaction?






