रायगढ़ नगर निगम कटघरे में कांग्रेस की शहर सरकार
आरोप - पत्र
1. रायगढ़ नगर निगम गत पाँच वर्षों में कांग्रेस की गुटबाजी का अड्डा बना रहा। एक ओर विधायक व महापौर के बीच खींचतान चलती रही और दूसरी ओर महापौर व सभापति के बीच झगड़ा जारी रहा। इस अराजक स्थिति के कारण रायगढ़ नगर का विकास पूरी तरह ठप्प हो गया।
2. अमृत मिशन हेतु सरकार ने 139 करोड़ की बड़ी धनराशि स्वीकृत की थी, लेकिन ठेकेदार व कांग्रेस नेताओं के बीच कमीशन के झगड़े के कारण कार्य बार-बार बाधित हुआ। अंतत: जब जल प्रदाय आरम्भ किया गया तब लगभग हर वार्ड में जगह-जगह लीकेज की समस्या के कारण पेयजल आपूर्ति अनेकों बार ठप्प रही। कई मोहल्ले टैंकर पर आश्रित हो गये। आम जनता को पानी के लिये छीना-झपटी का सामना करना पड़ा। पानी सप्लाई बंद होने एवं नलों में दूषित पानी आने के कारण कई वार्डों की जनता आंदोलित हुई। इस संकट के समय में भाजपा ने जनता के साथ खड़े होकर उग्र प्रदर्शन भी किया। शहर के कई वार्डों में आज भी अमृत मिशन का पानी नहीं पहुंच रहा है।
3. साफ-सफाई और कचरा निपटान की कोई पुख्ता योजना व नीति नहीं होने के कारण शहर में जगह-जगह कचरों का अम्बार लग गया। शहरवासियों को मच्छरों के प्रकोप से दो-चार होना पड़ा। हर वर्ष ‘डेंगू’ की महामारी के कारण कई लोग असमय मौत के मुँह चले गये तथा कई परिवार संकट में आ गये।
4. कांग्रेस की भ्रष्ट कार्यप्रणाली के कारण निगम का आर्थिक प्रबंधन पूरी तरह बिखर गया और नगर निगम कार्यालय आर्थिक लूट-मार के केंद्र में परिवर्तित हो गया। फलस्वरूप शहर के बुनियादी विकास पर बेहद बुरा असर पड़ा। भाजपा सरकार के दौरान रायगढ़ में विकास हेतु पुख्ता आधारभूमि तैयार हुई थी, कांग्रेस की निवर्तमान शहर सरकार के भ्रष्ट रवैय्यै ने उसे छिन्न-भिन्न कर दिया।
5. शहर की भावी जरूरतों को ध्यान में रखकर रिक्त रखी गयी बेशकीमती जमीनों को कांग्रेस की शहर सरकार ने 152 परसेंट की आड़ में जमीन दलालों को औने-पौने में बेच दिया और जमकर भ्रष्टाचार किया। आज भाजपा सरकार नये-नये प्रोजेक्ट ला रही है तो उसके लिये जमीन खोजना एक बड़ी समस्या बन गयी है।
6. युवाओं के लिये एक भी रोजगारमूलक बाजार अथवा उपक्रम निर्मित नहीं हुआ। भाजपा सरकार के दौरान प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले रोजगार मेले को भी कांग्रेस ने बंद कर दिया। जिससे शहरी बेरोजगारी में वृद्धि हुई।
7. महिलाओं के स्वावलम्बन के लिए महिला समृद्धि बाजार बनाने की बड़ी-बड़ी बातें तो की गयीं, लेकिन इसके निर्माण हेतु पाँच वर्षों में कांग्रेस एक ईंट भी नहीं रख सकी।
8. भाजपा सरकार के दौरान पी.डी.एस. सिस्टम का मॉडल राष्ट्र के स्तर पर सराहा गया, लेकिन कांग्रेस कार्यकाल में शासकीय राशन दुकानें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सुपुर्द कर दी गयीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गरीबों के राशन को कालाबाजार में बेचकर अपना घर भरने की ऐसी अंधी मुहिम चलाई की जनता त्राहि-त्राहि कर उठी।
9. निगम के कांग्रेसी महापौर ने प्रति वर्ष दो तालाबों के कायाकल्प का बयान देकर सुर्खियां तो खूब बटोरीं, लेकिन काम एक ढेले का नहीं किया। शहर में जो तालाब निस्तारी और भूगर्भ जल स्तर को बनाये रखने के लिये उपयोगी थे, वे सफाई और देख-रेख के आभाव में गंदगी का स्रोत बनकर संक्रामक बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं।
10. कमला नेहरू उद्यान व सर्किट हाउस रोड पर स्थित शहीद विप्लव त्रिपाठी उद्यान का उन्नयन होना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस शहर सरकार की कुव्यवस्था व मेंटेनेंस के आभाव में दोनों उद्यान अपना सौंदर्य खोने लगे थे, जिसे रायगढ़ विधायक ओ पी चौधरी के प्रयासों से अब पुन: व्यवस्थित किया जा रहा है।
11. कांग्रेस सरकार के दौरान नगर निगम हेतु पर्याप्त धनराशि आंबटित नहीं होने के कारण अन्य विकास कार्यों के साथ ही सडक़ों के रख-रखाव हेतु भी निगम को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। इस कारण शहर में सडक़ों की हालात खस्ता हो गई। शहरवासियों को गड्ढों व धूल भरी सडक़ों के कारण दुर्घटनाओं व स्वांस की बिमारी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। भाजपा सरकार के आते ही एक वर्ष के भीतर इन सडक़ों को अब द्रुतगति से सुधारा जा रहा है।
12. रायगढ़ की जीवनदायनी केलो मैया को प्रदूषण-मुक्त करने हेतु कांग्रेस नेताओं द्वारा केलो आरती तो की गयी, लेकिन इसे प्रदूषण मुक्त करने की योजना में कांग्रेसियों द्वारा खुलकर बंदरबांट की गई। केलो को स्वच्छ करने हेतु भाजपा सरकार ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कारगर योजना तैयार की थी। इस प्रस्तावित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बदल दिया गया और एक लचर योजना बनी और यह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस मेयर इन काउंसिल की अनियोजित कार्यशैली व अदूरदर्शिता के कारण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर लाखों रुपयों का वारा-न्यारा हो गया लेकिन आज भी शहर के नालों का गंदा पानी केलो-नदी को प्रदूषित कर रहा है।
13. कला, साहित्य व संगीत की नगरी रायगढ़ में संगीत सम्राट चक्रधर सिंह जी की स्मृति में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध चक्रधर समारोह को बंद करवा कर कांग्रेस ने कला जगत का अपमान किया। अब भाजपा ने चक्रधर समारोह के गौरव को पुनस्र्थापित किया है।
14. खेल मैदानों व रायगढ़ स्टेडियम के उन्नयन को लेकर रायगढ़ जिले से जुड़े कांग्रेस के खेल मंत्री ने बढ़-चढ़ कर बयान दिया था कि यहां अंर्तराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधा विकसित की जायेगी, लेकिन रायगढ़ के खेल मैदान व खेल काम्प्लेक्स अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं। रामलीला मैदान को संवारने के नाम पर कांग्रेस के ठेकेदारनुमा पार्षदों द्वारा पैसों की कैसी बंदरबांट की गयी थी, उसे खिलाडिय़ों ने उस समय भली-भाँति महसूस किया, जबकि पहली ही बारिश में मैदान दल-दल में तब्दील हो गया।
15. कोई पुख्ता वेंडर पॉलिसी नहीं होने के कारण छोटे-छोटे रोजगार से जुड़े ठेले व्यावसायियों को मन-माना ढंग से बार-बार बेदखल किया जाता रहा। इससे कई परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हुआ।
16. शहर के चारो ओर रिंग रोड स्थापना की घोषणा पूर्व कांग्रेस विधायक ने विधान सभा चुनाव के अपने घोषणा-पत्र में की थी, लेकिन यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी और शहरवासी यातायात की समस्या व सडक़ जाम से लगातार हलाकान होते रहे।
17. नगर निगम के हर एक ठेका, सप्लाई, खरीदी, नामांतरण आदि में खुलकर कमीशनखोरी व अनैतिक लेन-देन को कांग्रेस ने नीतिगत चलन बना दिया। इसके कारण कार्य की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हुई। जो भी सडक़ें बनी वे महीनों में ही उधड़ गयी, कचरा डंप करने के लिये 1.25 करोड़ रूपये की भारी रकम खर्च की गई। घटिया किस्म के डस्टबिन सप्लाई होने के कारण ये डस्टबिन तीन महीने भी नहीं टिक पाये। इसी तरह भवन निर्माण अनुज्ञा सहित अन्य छोटे-छोटे कार्य बिना भेंट-पूजा के नहीं हो पाये। एक तरह से नगर निगम भ्रष्टाचार का गड़ बन गया था।
18. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की दो बार घोषणा करके कांग्रेस नेताओं ने अखबारों में खूब वाह-वाही लूटी, लेकिन यह प्लांट कभी मूर्तरूप नहीं ले पाया। यह आम जनता के साथ धोखा-धड़ी है।
19. आवारा पशुओं की समस्या के सामाधन हेतु गोठान योजना के नाम पर खुलकर भ्रष्टाचार हुआ। शहर से जो भी गायें निगम कर्मचारी पकड़ कर गोठान ले गये वे जिंदा वापस नहीं लौटीं। ये पूजनीय गौ माता पर किया गया क्रूर अत्याचार है।
20. कांग्रेस के पूर्व विधायक जी ने ट्रांसपोर्ट नगर के पूर्ण विकास का वादा अपने घोषणा-पत्र के 21 वें बिंदु पर किया था। हकीकत यह है कि इन पाँच वर्षों में ट्रांसपोर्ट नगर की दुकानें, रोड व अन्य ढाँचे जर्जर हो गये और ट्रांसपोर्ट नगर का हाल भूतों का डेरा जैसा हो गया है।
21. निगम के कांग्रेसी पदाधिकारियों एवं अधिकारियों के बीच तू-तू, मैं-मैं रोजमर्रा की बात हो गयी थी। सभापति और आयुक्त के बीच एक-दूसरे को देख लेने की धमकी वाला वीडियो तो प्रदेश स्तर पर वायरल हुआ था। इन सबसे निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल गिरा और इस रोज-रोज की कीच-कीच का बहुत बुरा असर निगम के कार्य संचालन पर पड़ा।
22. कांग्रेस की शहर सरकार में अव्यवस्था का आलम यह था कि उन्होंने बजरंगबली के नाम पर भी जल टेक्स की नोटिस जारी कर दी।
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