दौड़ती मौत ने आज फिर एक युवक की ले लिया जान?

Jul 7, 2023 - 20:19
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दौड़ती मौत ने आज फिर एक युवक की ले लिया जान?

*मौत का सौदागर बन रफ्तार के साथ दौड़ती भारी वाहन*

सारंगढ़ । नाम नेशनल हाईवे 153 और चौड़ाई महज 7 मीटर यह है सारंगढ़ से गुजरने वाली रायगढ़ सारंगढ़ सराईपाली नेशनल हाईवे के सड़क का मेजरमेंट जिसमे दौड़ती मौत के नाम से प्रख्यात हाईवा और टेलर जैसी भारी वाहन ने आज शहर भीतर वार्ड क्रमांक 3 में फिर एक युवक को कुचल दिया। मोना माडर्न स्कूल सारंगढ़ में बतौर शिक्षक कार्यरत दिनेश निषाद पिता नेपाल निषाद 28 वर्ष को पीछे से तेज रफ्तार मे आ रही हाईवा ने अपने चपेट मे लेते हुए कुचल दिया ।जिससे दिनेश की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बादआरोपी वाहन चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया।

  

सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला बने आज 10 माह से अधिक हो गया किन्तु शहर के भीतर की सड़के और शहर के आऊटर की सड़को तथा उसके चौड़ी करण को लेकर कोई प्रयास नही हुई। 7 साल यानि2016 से नेशनल हाईवे 153 केलिये बाईपास सड़क की निर्माण प्रारंभ होने के बाद सारंगढ़ से हरदी तथा सारंगढ़ से दानसरा तक की सड़क की चौड़ाई यथावत 7 मीटर ही चौड़ी है । इसके पुर्ननिमार्ण तथा चौड़ीकरण के लिये सिर्फ मांग हुई । इसको लेकर कोई काम नही हुआ। बाई पास रोड़ का स्वीकृत होकर बनना शुरू होने से लेकर इस वर्ष प्रारंभ होने तक रायगढ़ रोड़ से आने वाली भारी वाहन सरायपाली की ओर शहर के भीतर से गुजर कर जाती थी। बाईपास प्रारंभ होने के बाद 3 माह पूर्व ही सरायपाली-रायगढ़ के ओर गंतव्य स्थल की ओर जाने वाली भारी वाहन इस बाई पास का उपयोग करती है। किन्तु सरायपाली रोड़ की बदहाल स्थिति तथा सारंगढ़ से बलौदाबाजार होकर रायपुर जाने वाली सड़क पर एक रूपये का भी टोल टैक्स नही लगने के कारण से रायगढ़ से रायपुर के लिये भारी तथा ओव्हरलोड़ वाहने सारंगढ़ शहर के बीच से गुजर कर जाती है तथा कलेक्टरेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास से गुजरती है। 

इसी सकरी सड़क पर आज सुबह दर्दनाक हादसा में एक युवक की असमय मौत हो गई। रायगढ़ की ओर से आ रही भारी मालवाहन ट्रेलर वाहन 22 चक्का क्र0 CG 22M1138 के चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए 28 वर्षीय युवक दिनेश निषाद को रौंद दिया। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। 28 वर्ष का दिनेश निषाद सारंगढ़ विकास खंड़ के ग्राम छर्रा मे निवास करता था और सारंगढ़ के मोना माडर्न स्कूल सारंगढ़ में बतौर शिक्षक के रूप मे कार्यरत था। दिनेश निषाद के चाचा छबिलाल निषाद ने बताया कि- उसका भतिजा दिनेश कुमार निषाद पिता नेपाल सिंह निषाद उम्र 28 वर्ष सा0 छर्रा का सारंगढ मोना मार्डन स्कूल में प्राईवेंट शिक्षक था जो स्कूल दिन रोजाना मो0सा0 से जाता था आज दिनांक 07.07.23 के सुबह करीब 07:30 बजे घर से स्कूल जाने के लिये उसके मो0सा0 क्र0 CG13P 1701 पैशन प्रो में अकेला निकला था कि करीब 08:15 बजे सारंगढ कुशलनगर के पास सीपीएम स्कूल के आगे मेंन रोड में पहूंचा था की उसी समय उसी दिशा से ट्रेलर वाहन 22 चक्का क्र0 CG2 2 M1138 के चालक द्वारा वाहन को तेज रफ्तार व उतावलेपन से वाहन चलाते हुए उसके भतिजा दिनेश कुमार निषाद को पीछे तरफ से ठोकर मारकर एक्सीडेंट कर वाहन को चढा दिया ।जिससे मेरे भतिजा दिनेश कुमार निषाद के सिर, शरीर कुचला कर घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गया । वाहन का चालक वाहन को आगे जाकर खडा कर भाग गया। 

कोतवाली पुलिस ने घटना कारित वाहन क्रमांक क्र0 CG22M1138 के चालक के खिलाफ भादवि 304-A के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। घटना के बाद से ही लोगो मे जमकर आक्रोश है तथा सारंगढ़ में ट्रेफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन के व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे है।

नो एंट्री मे कैसे अंदर आया भारी वाहन? इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद बढ़ते ट्रेफिक के दबाव को देखते हुए स्कूल टाईमिंग में भारी वाहनो को आऊटर पर खड़ा किया जाता रहा है। इस सिस्टम के अनुसार सारंगढ़-रायगढ़ रोड़ मे हरदी गांव के पास तथा सारंगढ़-बिलासपुर मार्ग पर कटेली मोड़ पर चंदाई मे भारी वाहनो को खड़ा कर सुबह 7 बजे से 9 बजे तक भारी वाहनो का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था। 

आज हुई दुर्घटना सुबह 8 बजे के आसपास की है। तो ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि आखिर नो एंट्री के समय भारी वाहन आखिर कैसे शहर के भीतर आ गया। शहर के अंदर से गुजर रहे वाहन के रफ्तार के लिये प्रशासन ने क्या व्यवस्था किया है? ऐसे कई सवाल है जिसके कारण से शहरवासी दहशत के साय मे अपनी रोजमर्रा के काम के लिये निकलते है। शहर के सड़को का कब होगा कायाकल्प ?

सारंगढ़ में मुख्य रूप से तीन सड़को पर यातायात का दबाव काफी होता है। जिसमे से सारंगढ़ से रायगढ़ रोड़, सारंगढ़ से सरायपाली रोड़ और सारंगढ़ से बिलासपुर रोड़ मुख्य है। इसके अलावा सारंगढ़ से बरमकेला और सारंगढ़ से कोसीर रोड़ मे भी लगातार ट्रेफिक का दबाव ज्यादा रहता है। वही सभी सड़को पर सड़क की चौड़ाई सकरी है। सारंगढ़ बिलासपुर रोड़ मे गौरवपथ के बाद सरसीवा तक सड़क की स्थिति बहुत बदहाल है। यहा पर सड़को का जीर्णोद्धार गत 7 सालो से लंबित है। किन्तु जिला निमार्ण होने के बाद भी इस दिशा मे कोई प्रयास नही किया गया। 

 सारंगढ़ से रायगढ़ रोड़ में सारंगढ़ से हरदी तक की सडक को जानलेवा सड़क कहा जाता है। हैवी ट्रेफिक तथा महज 7 मीटर चौड़ी सड़क जो कि जर्जर और टूट चुकी है उसमे अपने जान को जोखिम मे डालकर सारंगढ़ वासी इसमें सफर करने के लिये मजबूर है। वही सारंगढ़ से सरायपाली सड़क में भी जर्जर सड़क से लोग परेशान है। तीनो ही सड़को पर आम जनता को आवागमन के साथ साथ दुर्घटना का हमेशा भय बना रहता है। ऐसे सवाल यही खड़ा होता है कि सारंगढ़ शहर की सीमा से लगे सड़को और शहर के सीमा के भीतर के सड़को का कायाकल्प कब होगा।

   

मौत का सौदागर हो गये भारी वाहने? सारंगढ़ से होकर गुजरने वाली भारी वाहनो मे औद्योगिक क्षेत्र रायगढ़ से राजधानी जाने वाली वाहनो के साथ साथ गुड़ेली और टिमरलगा से पत्थर लोड़ होकर जाने वाली वाहने तथा एनटीपीसी लारा से निकलने वाली भारी वाहनो का रेलमपेल रहता है। इन वाहनो को जर्जर और सकरी सड़क पर ज्यादा फेरा लगाने का टास्क वाहनस्वामी प्रदान किये रहते है इस कारण से मौत का सौदागर इन वाहनो से सारंगढ्वासी दहशत के साये में है। भारतमाता चौक पर दो माह पूर्व एक व्यक्ति को हाईवा ने कुचलकर मार दिया। वही टिमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र मे आये दिन दुर्घटना होते रहती है। ऐसे मे सारंगढ़- बिलाईगढ़ की पुलिस आखिर क्या कर रही है? मौत के सौदागर बने इन वाहनो के रफ्तार पर लगाम लगाने के लिये पुलिस के पास समय नही है। साथ ही नशे मे वाहन चलाने वालो के लिये किसी भी प्रकार का कोई जांच या अभियान नये जिला मे शुरू ही नही हुआ है। साथ ही ओव्हरलोड़ वाहनो को लेकर भी कोई कार्यवाही नही हो रही है जिससे मौत का सौदागर बने भारी वाहन हर दिन आम लोगो को कुचलकर मार डाल रही है।

  

प्रतिदिन सात सौ वाहन फ्लाईएश लेकर गुजर रही?

अभनपुर रायपुर मे बन रही भारतमाला परियोजना में एनटीपीसी लारा से फ़्लाईएश को लेकर प्रतिदिन और रात को लगभग सैकड़ो माल वाहन सारंगढ़ से होकर गुजर रही है। अपने वाहन के क्षमता से अधिक माल लेकर जा रही इन फ्लाईएश वाहन को ज्यादा फेरा करने का टास्क वाहन स्वामी ने दिया है इस कारण से दिन-रात की ड्यूटी वाहन चालक कर रहे है इससे उनका नींद पूरा नही होता है या नशे के साथ वाहन चलाते है। इसके कारण से फ्लाईएश की वाहन दौड़ती मौत बन गई है। आज भी जिस वाहन ने असमय एक शिक्षक को अपने चपेट मे ले लिया उसकी मौत का मुख्य कारण फ़्लाईएश की दौड़ती टेलर वाहन थी। किन्तु जिला पुलिस इस मामले मे कोई भी पहल नही कर रही है।

  

पुलिस का दिखावा है सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजन

यातायाता के नियमो की जानकारी और प्रसार-प्रचार के लिये हर साल यातायात सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन करती है किन्तु यह आयोजन सिर्फ औरचारिकता भर रह जाती है। नशे मे मदहोश होकर वाहन चलाना या सकरी और जर्जर सड़को पर यातायात आखिर कैसे होगा? सारंगढ़ शहर के भीतर से गुजरने वाली वाहनो पर लगाम नही है तो आऊटर के सड़को पर भारी वाहनो का मनमानी का तो भगवान ही मालिक है। सारंगढ़ पुलिस को इस दिशा मे कारगार कदम उठाने होगे तथा भारी वाहनो के बेकाबू रफ्तार को लेकर कुछ ना कुछ करना होगा तभी आम लोगो का विश्वास सारंगढ़-बिलाईगढ़ पुलिस जीत पायेगी।

जिला बनने के बाद बढ़ गया सारंगढ़ मे ट्रेफिक का दबाव

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का मुख्यालय सारंगढ़ के बनने के बाद तथा साप्ताहिक बाजार के पास कलेक्टरेट बनने के बाद ट्रेफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। सुबह 7 बजे से स्कूली बच्चो के चहल-पहल से पूरा शहर भीड़भरा होता है। ऐसे में भारी वाहनो के लिये प्रतिबंध यहा पर नही लगाया जा रहा है ? जो कि पूर्णत: गलत है। लगातार बढ़ते भीड़ और ट्रेफिक के बीच चौड़ी सड़के और यातायात के नियमो का पालन अनिवार्य है । तभी सारंगढ़ शहर के भीतर से गुजरने वाली भारी वाहने अनुशासन के साथ गुजरेगी। किन्तु लचर व्यवस्था के कारण से सारंगढ़ शहर के भीतर आमजनता सुरक्षित नजर नही आ रही है।

उक्त मामले में पुलिस विभाग की लापरवाही परिलक्षित होती है कि - जिस हाईवा के द्वारा दुर्घटना कारित की गई उन हाईवा के बारे में पूर्व से समाचार का प्रकाशन होता रहा है लेकिन उन वाहनों के द्वारा जो ओवरलोड लोड करके ले जाया जा रहा है उस पर अंकुश लगाने की मांग की गई थी लेकिन ओवरलोड वाहन 500 से अधिक संख्या में चल रही है । हाईवा का न्यायालय छोड़ दी जाएगी ।अगर यह वाहन किसी और का होता है तो सब पहले उसे कांटा कराया जाता और फिटनेस जांच की जाती दुनिया भर के नियम पुलिस विभाग द्वारा लगाया जाता परंतु उक्त हाईवा का कांटा भी नहीं करवाया गया क्योंकि एक टन ओवरलोड होने पर 41 हजार रुपए जुर्माना और उसके बाद जितना टन ओवरलोड होगा प्रति टन 16 हजार रुपय जुर्माना बढ़ता जायेगा मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ । शहरवासी बाई पास रोड की मांग करते रहे मगर कलेक्टर मैडम के कान में जू तक नहीं चल रही है ।नवीन जिला सारंगढ़ में और कितने लोगों की बली चढ़ाई जाएगी यह तो समय ही बतायेगा।

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