जयमाला पहन कर श्री कृष्ण की हुई रुकमणी :- पुज्या शीघ्रता त्रिपाठी.....

Feb 25, 2024 - 22:13
Feb 25, 2024 - 22:18
 0  18

कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क....

संवाददाता :- दीपक गुप्ता....✍️

 सूरजपुर :- जिले के भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम बड़सरा मे चल रहे श्री मद भागवत कथा के षष्ट दिवस श्री कृष्ण-रुकमणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। छठवें दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक श्री कांत त्रिपाठी व उनकी सुपुत्री पुज्या शीघ्रता त्रिपाठी ने भगवान श्री कृष्ण की महारास लीला एवं रुकमणी मंगल प्रसंग का वर्णन किया उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी इन पांच गीतों को भाव पुर्वक गाता है वह भव सागर से पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। कथा के दौरान कथा व्यास ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया था और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा मे परमात्मा से मिलन हुआ। जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है।

  धुमधाम से हुआ श्री कृष्ण रुकमणी का विवाह :- कथा प्रसंग के बाद बाजेगाजे के साथ कथा आयोजन कर्ता लक्ष्मी जायसवाल के घर से भगवान कृष्ण की बारात निकल कर मंच तक आई जिसका कथा आयोजन कर्ता सहित सभी उपस्थित जनों ने पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया इस दौरान श्रोताओं ने जमकर खुशियाँ भी मनाई ।

 लगातार तीन वर्ष से आकृति गुप्ता निभा रही हैं श्री कृष्ण और भगवान राम का किरदार :- गुप्ता परिवार मे जन्मी 21 वर्षीया बड़सरा की बेटी आकृति गुप्ता (पालू) लगातार 2022 से भगवान श्री कृष्ण और राम जी का किरदार निभा रही हैं अपने इस अभिनय को लेकर उन्होंने कैपिटल छत्तीसगढ़ न्यूज से कहा कि मुझे धार्मिक आयोजन मे शामिल होकर ईश्वर का किरदार निभाना अच्छा लगता है । ईश्वर के प्रति मेरी अटुट आस्था भी है ईश्वरीय पूजापाठ को लेकर बचपन से ही उत्सुक रही हूँ ।

बृज के छोरी से राधिका गोरी से मैया करा दो मेरा ब्याह :- श्री कृष्ण - रुकमणी का जयमाला संपन्न होने के बाद बृज की छोरी से राधिका गोरी से मैया करा दो मेरा ब्याह के मधुर गीत सुनकर श्रोतागण भावविभोर हो गये । वही आज छठवें दिवस के कथा प्रसंग को सुनने पुरा पंडाल श्रोताओं से भरा हुआ था । आज के मार्मिक कथा को श्रवण करने दुर दुराज से भारी संख्या में लोग पहुचे थे ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow